While Islamic scriptures like the Quran and Hadith are often quoted to negate the existence of social stratification among Muslims, authors of genealogical texts rely on the very same scriptures to foreground and legitimise discussions on descent and lineage. In the South Asian context, several conceptions of hierarchy as practised by Muslims in north India evolved over the course of colonial rule and were deployed interchangeably by Sayyids. These were based on notions of race, …
Category: Economy
यह 11 जून 2017 को पटना (बिहार) में बागडोर और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित एक-दिवसीय कांफ्रेंस ‘बहुजन चौपाल: भारत का भगवाकरण और सामाजिक न्याय की चुनौतियाँ’ में प्रो. खालिद अनीस अंसारी के वक्तव्य की संशोधित प्रतिलिपि है. …

किताब में गाँव को पढ़ने और जानने वालों के लिए गाँव एक ‘स्वर्ग’ है। यह ‘इंद्रलोक’ के सामान है। यह “सद्भाव” और “सहयोग” का संगम है। यह भारत की “आत्मा” है। यह “पश्चिमी सभ्यता” और “मैटेरियलिज़म” का सही विकल्प है। फिर गाँव को “शांति” और “सुख” का पर्यायवाची कहा गया। यह ग़लतफ़ह़मी दरअसल उपनिवेशवादी इतिहासकारों ने फ़ैलाया। लंदन में पढ़े और फिर धोती-धारण करने वाले एक ‘फक़ीर’ ने इसे क़ौमी तह़रीक में सच बताकर प्रचारित …
आर्थिक नरमी एक सामान्य प्रोसेस है। कोरोना के कहर से पूर्व समूचे विश्व मे यही हो रहा था। वायरस ने विश्व को रोक दिया है। कारखाने बन्द हैं, ट्रैन बन्द हैं, जहाज, पानी के जहाज, होटल-ढाबे, सिनेमा घर, स्कूल-कॉलेज हर जगह मुर्दाघर जैसी शांति है। ऐसे में ये समझना बहुत आसान है कि कुछ हो नही रहा तो वृद्धि नही होगी। ऐसे में वृद्धि दर नकारात्मक होगी। …
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