पसमांदा उर्दू/फ़ारसी भाषा का शब्द है जिस का अर्थ होता है “जो पीछे रह गया है”। पसमांदा शब्द मुस्लिम धर्मावलंबी आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों के लिए बोला जाता है। पसमांदा अन्दोलन का इतिहास बाबा कबीर से शुरू होता है।बहुत सालों बाद बाबा कबीर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मौलाना अली हुसैन आसिम बिहारी (1890-1953) ने बाज़ाब्ता सांगठनिक रूप में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन (जमीयतुल मोमिनीन/ मोमिन कांफ्रेंस) तैयार किया …
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