जिस प्रकार हिन्दू समाज मे छोटी ज़ाति की महिलाओं को स्तन ढकने पर केरल में स्तन टैक्स देना पड़ता था। उसी प्रकार मुस्लिम समाज मे भी ज़ाति आधारित टैक्स तक लगाए जाते थे जैसे धोबियों से लिया जाने वाला प्रजौटी टैक्स। इसी प्रकार गोरखपुर के जमींदार पसमांदा (अजलाफ/अरज़ाल) मुसलमानों से रेज़ालत टेक्स वसूल करते थे क्योंकि उनका मानना था कि ये रज़ील(कमीना, नीच।) हैं। …
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