हज: आस्था, एकता और बराबरी की एक रूहानी यात्रा...
Posted by Arif Aziz | Jun 5, 2025 | Culture and Heritage | 0 |
American Gods: आस्था, आधुनिकता और पहचान की जंग...
Posted by Arif Aziz | Jun 2, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
MindHunter: अपराधी कैसे सोचते हैं?...
Posted by Arif Aziz | May 31, 2025 | Education and Empowerment, Gender Equality and Women's Rights, Movie Review, Reviews | 0 |
मऊनाथ भंजन : ग़ाज़ी मियां, मलिक ताहिर बाबा और वह &...
Posted by Arif Aziz | May 29, 2025 | Culture and Heritage | 0 |
समीक्षा: “एडोलेसेंस”, किशोरों की ज़िंदगी और उनकी च...
Posted by Arif Aziz | May 28, 2025 | Culture and Heritage, Education and Empowerment, Gender Equality and Women's Rights, Movie Review | 0 |
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Popularपुस्तक समीक्षा: इस्लाम का जन्म और विकास
by Arif Aziz | May 1, 2024 | Book Review | 0 |
मशहूर पाकिस्तानी इतिहासकार मुबारक अली लिखते हैं कि इस्लाम से पहले की तारीख़ दरअसल अरब क़बीलों का इतिहास माना जाता था। इस में हर क़बीले की तारीख़ और इस के रस्म-ओ-रिवाज का बयान किया जाता था। जो व्यक्ति तारीख़ को महफ़ूज़ रखने और फिर इसे बयान करने का काम करते थे उन्हें रावी या अख़बारी कहा जाता था। कुछ इतिहासकार इस्लाम और मुसलमान में फ़र्क़ करते हैं।
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आडूजीविथम: द गोट लाइफ
by Abdullah Mansoor | Oct 12, 2024 | Movie Review | 0 |
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मऊ की गलियों में CPI की खोई हुई आवाज़
by Arif Aziz | Jun 15, 2025 | Culture and Heritage, Political | 0 |
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‘द बॉयज़’ वेब सीरीज़: जब मसीहा खुद सबसे बड़ा खतरा हो
by Arif Aziz | Jun 12, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
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Top Ratedसामाजिक अस्पृश्यता और बहिष्करण से लड़ती मुस्लिम हलालखोर जाति
by Abdullah Mansoor | Jun 14, 2024 | Casteism, Pasmanda Caste, Social Justice and Activism | 0 |
'हलालखोर' यानी हलाल का खाने वाला, यह सिर्फ एक अलंकार नहीं है बल्कि मुस्लिम समाज में मौजूद एक जाति का नाम है। जिनका पेशा नालों, सड़कों की सफाई करना, मल-मूत्र की सफाई करना, बाजा बजाना, और सूप बनाना है। हलालखोर जाति के अधिकतर व्यक्ति मुस्लिम समाज के सुन्नी संप्रदाय के मानने वाले हैं। यह लोग अपनी मेहनत द्वारा कमाई गई रोटी के कारण हलालखोर कहलाए होंगे। वहीं, कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है कि धर्म परिवर्तन के बाद जब इस जाति ने सूअर का गोश्त खाना छोड़ दिया तो इस जाति को हलालखोर के नाम से जाना जाने लगा।
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फिल्म जो जो रैबिट: नाज़ी प्रोपेगेंडा की ताकत और बाल मनोविज्ञान
by Abdullah Mansoor | Jul 17, 2024 | Movie Review, Reviews | 0 |
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वक़्फ़-बोर्ड का काला सच
by Abdullah Mansoor | Sep 19, 2024 | Culture and Heritage, Political | 0 |
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मऊ की गलियों में CPI की खोई हुई आवाज़
by Arif Aziz | Jun 15, 2025 | Culture and Heritage, Political | 0 |
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Latestमऊ की गलियों में CPI की खोई हुई आवाज़
by Arif Aziz | Jun 15, 2025 | Culture and Heritage, Political | 0 |
लेखक: अब्दुल्लाह मंसूर मऊ जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का इतिहास संघर्ष, विचारधारा और...
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‘द बॉयज़’ वेब सीरीज़: जब मसीहा खुद सबसे बड़ा खतरा हो
by Arif Aziz | Jun 12, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
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हज: आस्था, एकता और बराबरी की एक रूहानी यात्रा
by Arif Aziz | Jun 5, 2025 | Culture and Heritage | 0 |
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American Gods: आस्था, आधुनिकता और पहचान की जंग
by Arif Aziz | Jun 2, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
मऊ की गलियों में CPI की खोई हुई आवाज़
by Arif Aziz | Jun 15, 2025 | Culture and Heritage, Political | 0 |
लेखक: अब्दुल्लाह मंसूर मऊ जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का इतिहास संघर्ष, विचारधारा और...
Read More‘द बॉयज़’ वेब सीरीज़: जब मसीहा खुद सबसे बड़ा खतरा हो
by Arif Aziz | Jun 12, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
~ अब्दुल्लाह मंसूर हम अक्सर सुपरहीरो को एक आदर्श के रूप में देखते आए हैं—निस्वार्थ, सच्चे और...
Read Moreहज: आस्था, एकता और बराबरी की एक रूहानी यात्रा
by Arif Aziz | Jun 5, 2025 | Culture and Heritage | 0 |
**सारांश (100 शब्दों में):**
हज इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है, लेकिन यह सिर्फ़ धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि इंसानियत, बराबरी और एकता का प्रतीक है। हर साल लाखों मुसलमान एक जैसी पोशाक में, नस्ल, हैसियत और ज़ुबान से ऊपर उठकर इबादत करते हैं। तवाफ़, सई और अराफात जैसे अमल आत्मसमर्पण, इतिहास और आत्ममंथन का संदेश देते हैं। यह सफ़र सब्र, नम्रता और दूसरों की फिक्र सिखाता है। मैल्कम एक्स जैसे लोगों ने हज के ज़रिए नस्लभेद के खिलाफ नई सोच पाई। हज सिखाता है कि असली पहचान किरदार और नियत में है। यह पूरी इंसानियत को बराबरी और भाईचारे का पैग़ाम देता है।
Read MoreAmerican Gods: आस्था, आधुनिकता और पहचान की जंग
by Arif Aziz | Jun 2, 2025 | Movie Review, Reviews | 0 |
**सारांश (100 शब्दों में):**
*American Gods* एक फैंटेसी सीरीज़ है जो आस्था, पहचान, प्रवास और आधुनिकता जैसे गहरे सवालों को छूती है। यह दिखाती है कि देवता विचार हैं—जिनमें लोगों की आस्था उन्हें शक्ति देती है। जब विश्वास बदलता है, तो देवता भी खो जाते हैं। सीरीज़ में पुराने देवता नई तकनीकी और पूंजीवादी ताक़तों से जूझ रहे हैं। Shadow Moon की यात्रा के माध्यम से यह मिथ, प्रवास और मानवीय रिश्तों की कहानी बन जाती है। इसके संवाद, दृश्य, प्रतीक और संगीत मिलकर इसे केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक दार्शनिक अनुभव बनाते हैं—जो दर्शक से सवाल करता है, उत्तर नहीं थोपता।
MindHunter: अपराधी कैसे सोचते हैं?
by Arif Aziz | May 31, 2025 | Education and Empowerment, Gender Equality and Women's Rights, Movie Review, Reviews | 0 |
MindHunter एक गंभीर और शोधपरक क्राइम ड्रामा है, जो FBI की Behavioral Science Unit की शुरुआत और अपराधियों के मनोविज्ञान की पड़ताल करता है। यह दिखाता है कि कैसे समाज, परिवार और बचपन के आघात अपराध की जड़ बनते हैं। सीरीज़ संवादों, मानसिक द्वंद्व और गहरी सिनेमैटोग्राफी के जरिए अपराध के पीछे छिपे कारणों को उजागर करती है। यह क्रिमिनल प्रोफाइलिंग और ‘सीरियल किलर’ जैसी अवधारणाओं की नींव रखती है। MindHunter मनोरंजन नहीं, बल्कि चेतना जगाता है। यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि अपराध केवल व्यक्ति की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी भी हो सकती है।
Read Moreमऊनाथ भंजन : ग़ाज़ी मियां, मलिक ताहिर बाबा और वह ‘राक्षस’
by Arif Aziz | May 29, 2025 | Culture and Heritage | 0 |
—लेखक: अब्दुल्लाह मंसूर मऊनाथ भंजन का इतिहास बहुत पुराना और गहराई से भरा हुआ है। यह नगर...
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