Category: Miscellaneous
पसमांदा आंदोलन का संक्षिप्त इतिहास...
Posted by Arif Aziz | May 10, 2024 | Culture and Heritage, Miscellaneous, Movie Review, Pasmanda Caste, Social Justice and Activism | 0 |
Islamic Feminism and Its Role in Gender Justice in India
by Abdullah Mansoor | Oct 18, 2024 | Miscellaneous | 0 |
Today, Islamic feminism builds on this legacy, engaging with both classical Islamic scholarship and modern feminist theory. Unlike secular feminists who sometimes view Islam as inherently patriarchal, Islamic feminists work within the religious tradition to question and reform oppressive interpretations. They argue that many misogynistic interpretations of Islamic law are not inherent to Islam but are byproducts of patriarchal readings of the Qur’an.
Read Moreमानसिक स्वास्थ्य: क्या, क्यों, कैसे
by Abdullah Mansoor | Jul 4, 2024 | Miscellaneous | 0 |
जरा सोचें कि हमारा दलित बहुजन पसमांदा समाज बिना किसी सामाजिक आर्थिक पूंजी के किस तरह मानसिक दबाव को झेल रहा होता है। शोषक वर्ग कभी भी शोषित समाज के लिए करुणा का भाव नहीं रखता। इसलिए हमारी लड़ाई दो अलग-अलग मोर्चों पर जारी है। एक तो हम समाज में अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ हम खुद के प्रति शोषण, अपमान, निरादर से हुए मानसिक आघात से लड़ रहे हैं। भारत के परिप्रेक्ष्य में, जहां जातिगत भेदभाव से जुड़ी मनोधारणा पूरे समाज में ज़हर की तरह फैली हुई है, यह और भी ज्यादा जरूरी है कि दलित बहुजन पसमांदा अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति पहले से सजग रहे। इस मानसिक संघर्ष में हम अकेले न पड़ें, इसलिए हमें आपस में आंदोलन के साथ-साथ इस विषय पर भी बात करने की जरूरत है।
Read MorePatna University Student Md Zabir Ansari to Shine at National Karate Competition Again
by Azeem Ahmed | May 28, 2024 | Miscellaneous | 0 |
Press Release Date: May 27, 2024 Patna University Student Md Zabir Ansari to Shine at National Karate Competition Again Patna, Bihar Md Zabir Ansari, a dedicated student from Patna University, has brought immense pride to his...
Read Moreपसमांदा आंदोलन का संक्षिप्त इतिहास
by Arif Aziz | May 10, 2024 | Culture and Heritage, Miscellaneous, Movie Review, Pasmanda Caste, Social Justice and Activism | 0 |
बहुत सालों बाद बाबा कबीर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मौलाना अली हुसैन आसिम बिहारी (1890-1953) ने बाजाब्ता सांगठनिक रूप में एकअंतरराष्ट्रीय संगठन (जमीयतुल मोमिनीन/ मोमिन कांफ्रेंस) की स्थापना किया जो भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका और वर्मा तक फैला हुआ था।
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