~अब्दुल्लाह मंसूर

American Gods एक ऐसी वेब सीरीज़ है जो हमारे समय के बहुत ज़रूरी सवालों को बेहद अनोखे और कल्पनाशील तरीके से उठाती है। यह केवल एक फैंटेसी ड्रामा नहीं है, बल्कि धर्म, आस्था, पहचान, प्रवास, आधुनिकता और पूँजीवाद जैसे बड़े मुद्दों पर बात करती है — वह भी बिना किसी भाषणबाज़ी के। इसकी सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है। Neil Gaiman की मशहूर नॉवल American Gods पर आधारित यह सीरीज़ पहली बार 2017 में Starz नेटवर्क पर प्रसारित हुई थी। इस सीरीज़ को Bryan Fuller और Michael Green ने विकसित किया है, और इसमें Ricky Whittle, Ian McShane, Emily Browning, Crispin Glover जैसे कलाकारों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। यह कहानी एक ऐसे अमेरिकी समाज की कल्पना करती है जहाँ नए और पुराने देवताओं के बीच अस्तित्व की लड़ाई चल रही है। लेकिन यह महज देवताओं की लड़ाई नहीं, बल्कि विचारों, विश्वासों और आधुनिकता की टकराहट की कहानी है। यह सीरीज़ दर्शकों को मिथ और उम्मीद के बीच की जटिलता को समझने का मौका देती है।

इस सीरीज़ का मूल विचार यही है कि इंसान देवताओं को पैदा करता है, और जैसे-जैसे उसका विश्वास बदलता है, देवताओं का वजूद भी कमजोर होता चला जाता है। इंसान जिस विचार या शक्ति को पूजता है, वही देवता बन जाता है। और जब उस पर से विश्वास हटता है तो वह देवता भूला दिया जाता है। अमेरिका की धरती पर आने वाले आप्रवासी अपने-अपने देवताओं को साथ लाए थे। शुरू में उन पर श्रद्धा बनी रही, लेकिन समय के साथ उनकी अगली पीढ़ियाँ उन्हें भूल गईं। अब ये पुराने देवता अमेरिका में विस्थापित और उपेक्षित होकर जी रहे हैं। उनकी जगह नई दुनिया के देवताओं ने ले ली है, जो तकनीक, मीडिया, इंटरनेट, पूंजी और वैश्विक सत्ता के प्रतीक हैं।

सीरीज़ का नायक है Shadow Moon, जो एक रहस्यमयी और उदास युवक है। जेल से छूटने के बाद वह Mr. Wednesday से मिलता है, जो असल में नॉर्स पौराणिकता का युद्ध और ज्ञान का देवता ओडिन है। Mr. Wednesday अमेरिका भर के पुराने देवताओं को इकट्ठा कर रहा है ताकि वे नए देवताओं से लड़ सकें और अपनी खोई हुई शक्ति और सम्मान वापस पा सकें। कहानी में Shadow और Wednesday की यात्रा के साथ-साथ तमाम पुराने और नए देवताओं की परतें खुलती जाती हैं। सीरीज़ का रहस्य, प्रतीकवाद और भावनात्मक गहराई दर्शकों को एक अनोखी दुनिया में खींच ले जाती है।

नई दुनिया के देवताओं का प्रतिनिधित्व Mr. World करता है, जो भूमंडलीकरण का देवता है। वह चाहता है कि पूरी दुनिया एक जैसी हो जाए – एक जैसी भाषा, एक जैसी संस्कृति, एक जैसी सोच। उसका सहयोगी Technical Boy है, जो इंटरनेट और डिजिटल सत्ता का देवता है। Media नाम की देवी वैश्विक प्रचार तंत्र की प्रतीक है। इनके पीछे छिपा विचार यह है कि आधुनिकता न केवल पुराने विश्वासों को चुनौती देती है, बल्कि उन्हें मिटाकर एक नया उपभोक्तावादी विश्वास स्थापित करना चाहती है। यह आधुनिकता उन सबको पुराना और बेकार घोषित करती है जो इससे मेल नहीं खाते।

पुराने देवताओं में Mama Ji भी हैं, जिन्हें भारत की देवी का रूप माना गया है। वह अब एक अमेरिकी डाइनर में वेट्रेस हैं, लेकिन उनके भीतर शक्ति अब भी जीवित है। एक अन्य पात्र Bilquis है, जो प्रेम और आकर्षण की देवी है। वह आधुनिक दुनिया में खुद को बचाने के लिए नए देवताओं के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है और डेटिंग ऐप Tender के माध्यम से लोगों को आकर्षित करती है। एक मिस्री देवता Mr. Ibis भी हैं, जो मृत्यु और ज्ञान के देवता हैं और अमेरिकी समाज में अंतिम संस्कार का काम कर रहे हैं। ये सभी चरित्र न सिर्फ पौराणिक प्रतीकों के रूप में हैं, बल्कि वे बदलती दुनिया में खुद को बचाए रखने की कोशिश कर रहे प्राचीन विश्वासों की छवियाँ भी हैं।

सीरीज़ की कहानी को सिर्फ देवताओं की लड़ाई के रूप में देखना इसकी गहराई को कम करना होगा। असल में यह कहानी उन विचारों की है, जिन्हें समाज ने कभी पूजा और फिर भुला दिया। Neil Gaiman का यह कथन सीरीज़ की आत्मा को उजागर करता है – Gods die. And when they truly die they are unmourned and unremembered. Ideas are more difficult to kill than people, but they can be killed, in the end. यानी देवता मरते हैं और जब वे मरते हैं तो न तो उनकी मृत्यु का शोक मनाया जाता है और न ही उन्हें याद किया जाता है। विचारों को मारना कठिन होता है, लेकिन उन्हें भी मारा जा सकता है।

मानव सभ्यता में जब भी कोई ऐसा सवाल उठता रहा है जिसका उत्तर उसके पास नहीं होता, वह मिथकों का सहारा लेती है। मिथ समाज को दिशा देते हैं, उसे एकजुट करते हैं और अस्तित्व को अर्थ देते हैं। हम क्यों पैदा हुए? मरने के बाद कहाँ जाते हैं? दुनिया कैसे बनी? ऐसे प्रश्नों के उत्तर इंसान ने मिथकों के रूप में गढ़े हैं। इन मिथकों ने ही देवताओं को जन्म दिया है। जिस समाज में जैसे सवाल और जैसी ज़रूरतें थीं, वैसे ही देवता बनाए गए। वाइकिंग्स जैसे लुटेरों का समाज युद्ध को महिमामंडित करता था, इसलिए उनके देवता भी क्रूर और युद्धप्रिय थे। उनकी कल्पना की स्वर्ग भी वैसी ही थी, जहाँ मरने के बाद भी युद्ध चलता रहे। भारत में कर्मकांड और हिंसा से भरे समय में नास्तिक और अहिंसक धर्मों का उदय हुआ, जिन्होंने नए मिथ गढ़े जो पुराने पौराणिक ढाँचों का प्रतिरोध थे। समय के साथ जैसे समाज बदला, वैसे ही देवताओं की उपयोगिता भी बदली।

अगर हम भारत को देखें, तो यह कहानी और अधिक अर्थपूर्ण हो जाती है। भारत भी विविधताओं से भरा देश है—अनेक आस्थाएं, जातियाँ, भाषाएं और सांस्कृतिक परंपराएँ। भारत में भी आज पुरानी आस्थाएं, लोकदेवता, कबीलाई पूजा पद्धतियाँ, और जाति आधारित मान्यताएं, नई शहरी संस्कृति और टेक्नो-कैपिटलिज्म से टकरा रही हैं।जैसे ‘American Gods’ में ओडिन या अफ्रीकी देवता गुमनाम हो चुके हैं, वैसे ही भारत में भी कई दलित-बहुजन देवी-देवता, लोकगाथाएं, और संस्कृति मुख्यधारा से बाहर कर दी गई हैं। मीडिया और टेक्नोलॉजी ने भारत में भी न केवल आस्थाओं को बदला है बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक विमर्श को भी प्रभावित किया है। भारत में भी एक ‘नई श्रद्धा’ का उदय हुआ है—जो टेलीविज़न बाबाओं, सोशल मीडिया भक्तों और ब्रांडेड धार्मिकता में दिखाई देती है।

इस सीरीज़ की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह धार्मिक या सांस्कृतिक आस्था को चुनौती नहीं देती, बल्कि यह दिखाती है कि विश्वास एक सतत सामाजिक प्रक्रिया है। जिस तरह धर्म एक मिथ है, उसी तरह राष्ट्र, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समाजवाद, पूंजीवाद – ये सब भी मिथ हैं। इन्हें हमने इसलिए स्वीकार किया क्योंकि हमें एक साझा विश्वास की जरूरत थी, एक ऐसा आधार जिस पर हम समाज बना सकें। इन पर हमारे भरोसे ने इन्हें शक्ति दी। आज अगर कोई धर्म या विचार हम पर हावी है तो वह इसलिए क्योंकि हमने उसे मान्यता दी है। और अगर हम उससे मुँह मोड़ लें, तो वह भी कमजोर पड़ जाएगा।

इस सीरीज़ की एक उल्लेखनीय बात इसका दृश्य संसार (visual universe) है। इसका सिनेमैटोग्राफ़ी और सेट डिज़ाइन कहानी को केवल मंच नहीं देता, बल्कि उसमें एक और परत जोड़ता है। हर पुराना देवता अपने माहौल के हिसाब से चित्रित किया गया है — जैसे मिस्र के देवता मि. आईबिस का परिवेश पुरानी कहानियों और मृत्यु के प्रतीकों से भरा हुआ है, वहीं बिलकीस की दुनिया भोग और रहस्य के अंधेरे रंगों में ढँकी रहती है। तकनीकी देवताओं की दुनिया चमकदार स्क्रीन, डेटा स्ट्रीम और ध्वनि प्रभावों से बनी है — जो दर्शक को यह महसूस कराती है कि वे सचमुच डिजिटल सत्ता के सामने खड़े हैं। यह सब American Gods को एक गहरी दर्शनीयता देता है, जो इसे केवल बौद्धिक नहीं, बल्कि संवेदनात्मक अनुभव भी बनाता है।

सीरीज़ यह भी दिखाती है कि नए मिथ कैसे पुराने मिथों को आत्मसात कर लेते हैं। Mr. World जैसे देवता पुराने देवताओं को अपने में मिला लेना चाहते हैं, उन्हें उनके नाम और प्रतीकों के साथ ज़िंदा रखते हैं, लेकिन उनके पीछे की आत्मा को बदल देते हैं। यह आधुनिकता की सबसे खतरनाक चाल है – विरोध को निगल जाना। वह आपको जिंदा रखती है, पर उस रूप में नहीं जिसे आपने खुद चुना हो।

इस सबके बीच Shadow Moon और उसकी पत्नी Laura की कहानी सीरीज़ को एक मानवीय स्पर्श देती है। उनके बीच का संबंध प्रेम, विश्वासघात, पश्चाताप और अंततः आत्म-स्वीकृति की यात्रा है। Laura का मरकर फिर जीवित होना, और अपने जीवन को एक उद्देश्य के लिए जीना, उम्मीद का वह सूत्र है जो इस पूरी सीरीज़ को एकजुट रखता है। Laura की यात्रा यह दिखाती है कि जीवन के अर्थ की खोज सिर्फ देवताओं या विचारों में नहीं, बल्कि मानवीय रिश्तों और आत्म-साक्षात्कार में भी होती है।

American Gods की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि यह आस्था और आधुनिकता के बीच झूलते एक ऐसे युग की कहानी है जहाँ पुराने मिथक नए मिथकों से हार रहे हैं, और फिर भी कहीं न कहीं उम्मीद बची हुई है। यह उम्मीद इस बात से उपजती है कि चाहे विश्वास कितने भी बदल जाएँ, इंसान की ज़रूरतें, उसके डर, उसकी चाहतें और उसकी कहानियाँ उसे हमेशा नए देवताओं को गढ़ने पर मजबूर करती रहेंगी। और यही प्रक्रिया उसे एक नई दिशा देती रहेगी।साथ ही, इस सीरीज़ की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह दर्शक से लगातार सवाल पूछती है, जवाब देने की ज़िम्मेदारी नहीं लेती। यह कहानी को समाप्त नहीं करती, बल्कि खोलती है। यह आपको एक स्पष्ट दिशा नहीं देती, बल्कि सोचने और टकराने के लिए जगह देती है। यहाँ यह कहना ग़लत नहीं होगा कि American Gods एक पारंपरिक सीरीज़ नहीं है, जो आपको सरल कहानी सुनाकर सुकून दे। यह असुविधा देती है, बेचैनी देती है — और शायद यही इसकी सबसे बड़ी ताक़त है।

एक और दिलचस्प पहलू यह है कि यह सीरीज़ धर्म और आस्था के साथ-साथ प्रवास और पहचान के मुद्दों को भी छूती है। अमेरिका को अक्सर एक “मेल्टिंग पॉट” कहा गया है, जहाँ अलग-अलग जातियाँ, संस्कृतियाँ और विश्वास मिलते हैं। लेकिन American Gods दिखाती है कि यह मेल्टिंग पॉट किस तरह कुछ चीज़ों को निगल जाता है और कुछ को पचा नहीं पाता। प्रवासी अपने देवता तो साथ लाते हैं, लेकिन अगली पीढ़ी को वे केवल बोझ लगने लगते हैं। यह बात आधुनिक दुनिया में प्रवासी समुदायों के बीच अपनी जड़ों और पहचान को लेकर चल रहे संघर्ष को भी बहुत गहराई से दिखाती है।

इसके अलावा, सीरीज़ जिस अंदाज़ में संवादों का प्रयोग करती है, वह भी काबिल-ए-ग़ौर है। यहाँ संवाद केवल बात करने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि विचार और दर्शन का ज़रिया हैं। Mr. Wednesday के संवाद कभी-कभी किसी दार्शनिक ग्रंथ से लिए हुए लगते हैं। Shadow Moon के सवाल और उसकी चुप्पियाँ, दोनों दर्शक को सोचने के लिए मजबूर करते हैं। सीरीज़ का संगीत भी कहानी के भावों को बहुत गहराई देता है। बैकग्राउंड स्कोर, पुराने और नए देवताओं की उपस्थितियों के साथ जुड़कर एक ऐसी ध्वनि बनाता है जो समय और यथार्थ की सीमाओं को तोड़ता है। विशेष रूप से पुराने देवताओं के दृश्य में जो संगीत रचा गया है, वह आपको किसी अनजानी सभ्यता की स्मृति में ले जाता है।

American Gods केवल एक टीवी सीरीज़ नहीं है। यह एक दार्शनिक और सांस्कृतिक प्रयोग है। यह दर्शकों को आस्था के नए और पुराने रूपों के बीच होने वाले संघर्ष पर सोचने के लिए प्रेरित करती है। यह दिखाती है कि अगर किसी देवता को लोग भूल जाएँ, तो वह कैसे ताकत खो देता है—यह सिर्फ पौराणिक बात नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक सच्चाई भी है। यह सीरीज़ हमें याद दिलाती है कि दुनिया में देवता वह नहीं जो खुद को ईश्वर कहते हैं, बल्कि वे हैं जिनमें लोग आस्था रखते हैं। और आज की दुनिया में आस्था का केंद्र बदल चुका है—अब वह पूँजी, तकनीक और डेटा में समाहित है। सीरीज़ यह प्रश्न उठाती है कि क्या हम अपने अतीत, अपनी सांस्कृतिक जड़ों और बहुलतावादी पहचान को बचा पाएंगे, या फिर हम ‘नई श्रद्धा’ के उपभोक्ता बनकर रह जाएँगे? यह सवाल भारत जैसे देश के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है जितना अमेरिका के लिए।

अब्दुल्लाह मंसूर पसमांदा चिंतक, लेखक और पसमांदा डेमोक्रेसी चैनल के संचालक हैं।