TRENDING:

पुस्तक समीक्षा: इस्लाम का जन्म और विकास...
सवर्ण केंद्रित नारीवाद बनाम बहुजन न्याय का स्त्री विमर्...
Karbala and the Redefinition of Khilafat in Early Islam
सुपर हीरो की दुनिया में नस्लवाद: ‘वॉचमेन’ की समीक्षा...
बिहार से भारत तक: अब्दुल क़य्यूम अंसारी को भारत रत्न दे...
भारत में मुस्लिम शासन का सामाजिक स्वरूप...
From Bihar to Bharat: Time to honour Pasmanda Patriot, ...
हॉलीवुड, पश्चिमी मीडिया और ईरान: छवि निर्माण की राजनीति...
टॉर्चेस ऑफ़ फ्रीडम: जब नारीवादी आंदोलन को पूंजीवाद ने अ...
मऊ की गलियों में CPI की खोई हुई आवाज़...
‘द बॉयज़’ वेब सीरीज़: जब मसीहा खुद सबसे बड़ा खतरा हो...
हज: आस्था, एकता और बराबरी की एक रूहानी यात्रा...
American Gods: आस्था, आधुनिकता और पहचान की जंग...
MindHunter: अपराधी कैसे सोचते हैं?...
मऊनाथ भंजन : ग़ाज़ी मियां, मलिक ताहिर बाबा और वह ‘...
समीक्षा: “एडोलेसेंस”, किशोरों की ज़िंदगी और उनकी चुनौति...
सुन री सखी, मेरी प्यारी सखी!...
समीक्षा: होटल रवांडा और मीडिया की भूमिका...
भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडी: हास्य और अश्लीलता के बीच संतुल...
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: मतदाताओं की बदलती प्राथमिकत...
धर्म: शोषण का औज़ार या मुक्ति का माध्यम?...
बंदिश बैंडिट्स का माही – एक समाज की आवाज़ या आवाज...
मुस्लिम समाज को इस्लामी नारीवाद की आवश्यकता क्यों है...
डोंट डाई: द मैन हू वांट्स टू लिव फॉरएवर...
Urf: The Intersection of Islam and Indian Culture
Islamic Parenting: Raising Morally Grounded Children
बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा:मोहम्मद यूनुस सरकार क...
प्रेम की आड़ में छिपी घरेलू हिंसा: ‘डार्लिंग्स...
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय की खोज...
पुस्तक समीक्षा: “सच्चाई के हक़ में पसमांदा पक्ष&#...
Blasphemy Laws in Islam: Balancing Faith, Freedom, and ...
ज़ाकिर नाइक के औरतों के बारे में विचारों की एक नारीवादी...
A Feminist Critique of Zakir Naik’s Views on Wome...
आडूजीविथम: द गोट लाइफ
पैगंबर मोहम्मद का जीवन: मानवता के लिए एक मार्गदर्शक...
Prophet Muhammad: A Life of Leadership and Teaching
वक़्फ़-बोर्ड का काला सच...
वक़्फ़ संशोधन बिल और हमारी ज़िम्मेदारी...
राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका: चुनौतियाँ और सम...
क्यों आवश्यक है वक़्फ़ बोर्ड में संशोधन ?...
सामाजिक न्याय में उप-वर्गीकरण की भूमिका और विवाद...
बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ का प्रभाव और भारत की स...
उर्दू ज़ुबान में पसमांदा अदब क्यों नहीं है ?...
आधा गाँव: एक पसमांदा समीक्षा...
द पियानिस्ट: नाज़ी आतंक के साये में जीवित रहने की कहानी...
संविधान, बाबा साहेब और चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’...
फिल्म जो जो रैबिट: नाज़ी प्रोपेगेंडा की ताकत और बाल मनो...
मानसिक स्वास्थ्य: क्या, क्यों, कैसे...
अब्दुल कय्यूम अंसारी: भारत रत्न के असली हकदार...
सामाजिक  अस्पृश्यता और बहिष्करण से लड़ती मुस्लिम हलालखो...
दलित-दलित एक समान हिन्दू हो या मुसलमान...
Patna University Student Md Zabir Ansari to Shine at Na...
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ज़ातत-पात (जातिवाद) की ज...
डॉक्टर अंबेडकर नहीं बल्कि कुछ बहुजन बुद्धिजीवी दलित मुस...
न्यूटन:- लोकतंत्र की ग्रैविटी बताती फिल्म...
Toward Gender Equality: The Role of Uniform Civil Code
पसमांदा आंदोलन का संक्षिप्त इतिहास...
Understanding the Relevance of Ijtihad in India
From Margins to Mainstream: Pasmanda Politics in Modi&#...
लोकसभा चुनाव 2024 और पसमांदा मुसलमान...
BJP’s focus infuses fresh life into Pasmanda movement
हर सवाल का सवाल ही जवाब हो...
पसमांदा : कल, आज और कल...
PASMANDA DEMOCRACY
  • Home
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Quotes
  • Biography
  • Culture and Heritage
  • Education and Empowerment
  • Gender Equality and Women's Rights
  • Interview
  • Miscellaneous
  • Pasmanda Caste
    • Political
  • Poetry and literature
  • Reviews
    • Book Review
    • Movie Review
  • Social Justice and Activism
    • Casteism

Select Page

Author: Azeem Ahmed

लोकसभा चुनाव 2024 और पसमांदा मुसलमान

लोकसभा चुनाव 2024 और पसमांदा मुसलमान

Posted by Azeem Ahmed | May 1, 2024 | Social Justice and Activism |

अजीम अहमद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर यह कहकर निशाना साधा कि मुसलमानों का ‘राष्ट्र के...

Read More
BJP’s focus infuses fresh life into Pasmanda movement

BJP’s focus infuses fresh life into Pasmanda movement

Posted by Azeem Ahmed | May 1, 2024 | Social Justice and Activism |

Azeem Ahmed A day after he targeted Muslims by accusing Congress of saying that Muslims have the...

Read More
  • 1
  • 2
  • 3

    Recent Posts

    • सवर्ण केंद्रित नारीवाद बनाम बहुजन न्याय का स्त्री विमर्श
    • Karbala and the Redefinition of Khilafat in Early Islam
    • सुपर हीरो की दुनिया में नस्लवाद: ‘वॉचमेन’ की समीक्षा
    • कर्बला का इस्लामी दुनिया पर असर
    • बिहार से भारत तक: अब्दुल क़य्यूम अंसारी को भारत रत्न देने का समय

    Recent Comments

    No comments to show.

      Designed by KWS | © Pasmanda Democracy 2020-24