Category: Biography
पसमांदा आंदोलन के जनक आसिम बिहारी...
Posted by Arif Aziz | May 8, 2024 | Biography, Movie Review, Pasmanda Caste | 0 |
पैगंबर मोहम्मद का जीवन: मानवता के लिए एक मार्गदर्शक
by Abdullah Mansoor | Oct 8, 2024 | Biography | 0 |
इस्लाम का उदय 7वीं शताब्दी में हुआ, जब अरब प्रायद्वीप सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से अत्यंत दयनीय स्थिति में था। अरब समाज में कबीलाई संघर्ष, बहुदेववाद और नैतिक पतन व्याप्त थे। महिलाओं की स्थिति अत्यंत निम्न थी, और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ आम थीं। इसी दौर में पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का आगमन हुआ, जिन्होंने समाज में सुधार की नई लहर शुरू की। कुरान कहता है उन्होंने 40 वर्ष की आयु में इस्लाम का संदेश दिया और एकेश्वरवाद, न्याय और समानता के सिद्धांतों का प्रचार किया। उन्होंने मक्का की पृष्ठभूमि में, जहाँ बहुदेववाद और सामाजिक अन्याय ने जड़ें जमा रखी थीं, इस्लाम के रूप में एक नई धार्मिक और सामाजिक व्यवस्था की नींव रखी। उनका उद्देश्य न केवल धार्मिक सुधार था, बल्कि सामाजिक और नैतिक सुधार भी था, जो मानवता के समग्र उत्थान की दिशा में था।
Read MoreProphet Muhammad: A Life of Leadership and Teaching
by Azeem Ahmed | Oct 6, 2024 | Biography | 0 |
~ Dr. Uzma KhatoonDepartment of Islamic Study, A.M.U Before the birth of Prophet Muhammad, the...
Read Moreसंविधान, बाबा साहेब और चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’
by Abdullah Mansoor | Jul 19, 2024 | Biography, Political, Social Justice and Activism | 0 |
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अक्सर यह सवाल उठता था – मोदी नहीं तो कौन? लेकिन इस चुनाव के...
Read MoreAbdul Qayyum Ansari, the messiah of the marginalized, deserves ‘BHARAT RATNA’
by Azeem Ahmed | Jun 30, 2024 | Biography | 0 |
As the sun rises on July 1st, marking his birth anniversary, it is imperative to remember Abdul Qayyum Ansari, born in 1905, a forgotten hero whose indomitable spirit and relentless efforts shaped India’s struggle for freedom and equality. His monumental contributions and untiring advocacy for national integration, secularism, and social justice underline his undeniable merit for India’s highest civilian honour, the Bharat Ratna. As we commemorate his birth anniversary, it is crucial to recount his legacy and revive the collective memory of a nation indebted to his profound impact.
Read Moreअब्दुल कय्यूम अंसारी: भारत रत्न के असली हकदार
by Abdullah Mansoor | Jun 30, 2024 | Biography | 0 |
1 जुलाई को सूरज उगते ही, अब्दुल कय्यूम अंसारी के जन्मदिन को चिह्नित करते हुए, उन्हें हम याद करते हैं। 1905 में जन्मे अंसारी एक भूले-बिसरे नायक थे, जिनकी अडिग भावना और अथक प्रयासों ने भारत के स्वतंत्रता और समानता के संघर्ष को आकार दिया। उनके विशाल योगदान और राष्ट्रीय एकता, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के लिए उनकी निरंतर वकालत उनके भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न के लिए योग्यता को रेखांकित करती है। जैसे ही हम उनके जन्मदिन को मनाते हैं, उनके विरासत को याद करना और एक राष्ट्र की सामूहिक स्मृति को पुनर्जीवित करना महत्वपूर्ण है, जो उनके गहरे प्रभाव के लिए ऋणी है।
Read Moreपसमांदा आंदोलन के जनक आसिम बिहारी
by Arif Aziz | May 8, 2024 | Biography, Movie Review, Pasmanda Caste | 0 |
आसिम बिहारी का जन्म शिक्षा और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से लगे खासगंज, बिहार शरीफ के एक देशभक्त परिवार में हुआ था. उनके दादा मौलाना अब्दुर्रहमान ने 1857 की क्रांति के झंडे को बुलंद किया था. आसिम बिहारी का असल नाम अली हुसैन था.
आसिम बिहारी के संघर्ष और सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो पैदा बिहार के नालंदा में हुए, आंदोलन की शुरुआत कोलकाता से की और उनकी मृत्यु उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुई.
मौलाना आज़ाद का अशराफ़ चरित्र
“सरदार बल्लभ भाई पटेल ने बतौर चेयरमैन अल्पसंख्यक सुरक्षा कमेटी जब ड्राफ्ट कांस्टीट्यूशनल कमेटी के लिए रिजर्वेशन के मामले को ज़ेरे बहस रखा तो 7 मेम्बरों की कमेटी में से 5 ने इस के ख़िलाफ़ अपना वोट दिया। यह मेंबर थे- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, मौलाना हिफ्ज़ुर्रहमान, बेग़म एजाज़ रसूल, हुसैनभाई लालजी, तजम्मुल हुसैन।” ज्ञात रहे कि उस समय तक 1935 के भारत सरकार एक्ट के अनुसार पसमांदा जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इसी प्रकार पसमांदा आरक्षण के विरोध में वोट कर मौलाना आज़ाद ने अपने अशराफ़वादी चरित्र का परिचय दिया।
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